Three phase Synchronous motor basic concepts : थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर का बेसिक सिध्दांत

 हैलो एवरी वन स्वागत है आप सब का हमारे इलैक्ट्रिकल टिप्स ब्लोग में आज का हमारा टोपिक है थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर का बेसिक सिध्दांत क्या होता है। इस मोटर का सिध्दांत सेम डी सी मोटर के समान ही होता है लेकिन इनमें फर्क सिर्फ इतना होता है डी सी मोटर में हम डी सी सप्लाई का प्रयोग करते है और सिंक्रोनस मोटर में हम ए सी सप्लाई का इस्तेमाल करते है। सिंक्रोनस मोटर दो प्रकार की होती है एक सिंगल फेज सिंक्रोनस मोटर और दूसरी थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर। सिंगल फेज सिंक्रोनस मोटर स्पेशल मशींन मोटर में आती है इसलिए हम यहां सिर्फ थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर के बारे में पढ़ेंगे।


थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर क्या होती है

थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर एक ऐसी मोटर होती है जो सिर्फ सिंक्रोनस स्पीड पर ही चलती है इसलिए इस मोटर को सिंक्रोनस मोटर नाम दिया गया है। इस मोटर के अन्दर दूसरी मोटरों की तरह दो मेन पार्ट होते है एक होता है स्टेटर यह मशीन का स्थिर रहने वाला भाग होता है जो एक स्थान पर रूका रहता है इसे शुद्ध हिंदी में स्थाता कहते है। दूसरा भाग मेन भाग रोटर होता है जैसा कि हमने दूसरी मोटरों में भी पढ़ा है रोटर मशीन का एक घूमने वाला भाग होता है जो मोटर के अन्दर रोटेट करता है।

इस मोटर के स्टेटर पर थ्री फेज वाइंडिंग होती है जो एक दूसरे से 120 डिग्री इलैक्ट्रिकली अपार्ट होती है चूंकि यह एक सिंक्रोनस मोटर है इसलिए यह सिंक्रोनस स्पीड पर ही रन करती है जिसकी गति Ns = 120f/p सूत्र द्वारा निकाली जा सकती है इस सूत्र में Ns का मतलब है सिंक्रोनस स्पीड, f का मतलब है सप्लाई फ्रिक्वेंसी और p मोटर को डिजाइन करते वक्त उसके रोटर पर बनाये गयें पोलो की संख्या होती है। इस सूत्र का उपयोग करके थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर की सिंक्रोनस स्पीड को आसानी से निकाला जा सकता है।

इस मोटर के स्टेटर में थ्री फेज वाइंडिंग में थ्री फेज सप्लाई दी जाती है इसकी तीनों वाइंडिंग से एक एक फेज कनैक्ट हो जाता है इसके रोटर को परमानेंट मैगनेट बनाना होता है ताकि रोटर स्टेटर के मैगनेटिक फील्ड के साथ लोक होकर सिंक्रोनस स्पीड पर रोटेट करें। इसलिए मोटर की साफ्ट पर एक डी सी शंट जेनरेटर को परमानेंटली लगा दिया जाता है और इससे थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर के रोटर की वाइंडिंग को सप्लाई दी जाती है ताकी वह एक स्थायी चुंबक की तरह व्यवहार करें और मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर रन करने लगें।

थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर का बेसिक सिध्दांत

Three phase Synchronous motor basic concepts


जैसा इस फोटो में दिखाया गया है इसी के बेस पर हम थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर के बेसिक सिध्दांत को समझेंगे।
मान लीजिए यह हमारा एक स्टेटर है बेसिकली स्टेटर को हम एक वृत से दर्शातें है यह मोटर का एक स्थिर भाग होता है और इसके ऊपर थ्री फेज वाइंडिंग की जाती है। इन वाइंडिंग के तीन पोइंट होते है जिनमें सप्लाई कनैक्ट की जाती है और इनके बीच में एक सैलियंट पोल रोटर होता है। अब देखिए इस मोटर में होता क्या है जैसे ही हम स्टेटर की थ्री फेज वाइंडिंग को थ्री फेज सप्लाई देते है तो इस मोटर के स्टेटर में एक थ्री फेज रोटेटिंग मेग्नेटिक फील्ड ऊत्पन्न हो जाता है जो सिंक्रोनस स्पीड पर रोटेट करता है। अब इस स्टेटर के अन्दर हमारा रोटर होता है जो एक पर्मानैंट मेग्नेट की तरह वर्क करता है। तो इसके बाद होता क्या है रोटर के जिस पोल पर नाॅर्थ पोल बनता है वह स्टेटर के मैगनेटिक फील्ड के साउथ पोल के साथ मैगनेटिक लोकिंग बना लेता है और इसी प्रकार रोटर का साउथ पोल स्टेटर के मैगनेटिक फील्ड के नार्थ पोल के साथ मैगनेटिक लोकिंग बना लेता है इस तरह से रोटर भी सिंक्रोनस स्पीड पर घूमने लगता है इसी कारण इस मोटर को सिंक्रोनस मोटर कहते हैं।

रोटर को परमानेंट मैगनेट कैसे बनाते है

जैसा कि हमने अभी देखा है कि सिंक्रोनस मोटर में रोटर एक स्थायी चुंबक की तरह व्यवहार करता है तो अब हम यह देखेंगे कि इसको परमानेंट मैगनेट कैसे बनाते है सबसे पहले किसी भी लौहे की छड़ को चुंबक बनाने के लिए उस पर तांबे के तार की वाइंडिंग लपेटी जाती है और उसमें करंट को प्रवाहित किया जाता है जिससे वह छड़ विधुत चुंबक बन जाती है तो इस मोटर के रोटर को परमानेंट मैगनेट बनाने के लिए हम क्या करते है। इसके रोटर की वाइंडिंग को एक डी सी शंट जेनरेटर से जोड़ देते है जिससे वाइंडिंग में एक करंट फ्लो होने लगती है और रोटर के एक पोल प नाॅर्थ और दूसरे पर साउथ पोल बनता है डी सी सप्लाई होने के कारण यह पोल चेंज नहीं होते है यानी जिस तरह रोटर पर साउथ पोल बनता है वह साउथ ही रहता है और जिस तरह नाॅर्थ पोल बनता है वह नाॅर्थ ही रहता है इस प्रकार थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर में रोटर एक परमानेंट मैगनेट बन जाता है।

थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर की स्टार्टिंग

थ्री फेज सिंक्रोनस मोटर के रोटर की वाइंडिंग से एक डी सी शंट जेनरेटर जुड़ा रहता है अब जैसे ही स्टेटर में थ्री फेज सप्लाई दी जाती है तो स्टेटर में एक थ्री फेज रोटेटिंग मेग्नेटिक फील्ड इंड्यूज हो जाता है लेकिन स्टार्टिंग में रोटर रुका हुआ होता है जिसके कारण रोटर वाइंडिंग से कनैक्ट जेनरेटर में भी कोई वोल्टेज नहीं बनती है तो इस मोटर को सेल्फ स्टाॅर्ट बनाने के लिए इसकेे अन्दर एक अलग से स्कारल केज बार इंसर्ट की जाती है। जिससे यह मोटर एक इंडक्शन मोटर की तरह सेल्फ स्टाॅर्ट होती है लेकिन इंडक्शन मोटर कभी भी सिंक्रोनस स्पीड पर नहीं चलती है यह सिंक्रोनस गति से थोड़ी कम गति पर चलती है तो देखते है कि कैसे यह मोटर सिंक्रोनस स्पीड पर घूमती है।

तो देखिए क्या होता है जैसे ही इसकी स्टेटर वाइंडिंग में सप्लाई दी जाती है उसमें मैगनेटिक फील्ड बनता है अब फैराडे लाॅ के द्वारा जो हमने स्काइरल केज बार इंसर्ट की थी उनमें एक इ एम एफ इंड्यूज होता है जिससे केज बार में भी एक मैगनेटिक फील्ड बन जाता है जिसकी दिशा स्टेटर फील्ड की ओर होती है इस तरह से रोटर भी घूमने लगता है और उससे जुड़ा जेनरेटर भी घूमने लगता है इसके घूमते ही इसमें एक वोल्टेज उत्पन्न हो जाती है जिसके कारण रोटर वाइंडिंग में एक करंट फ्लो होती है और रोटर एक परमानेंट मैगनेट बन जाता है इस तरह रोटर, स्टेटर के मैगनेटिक फील्ड से मैगनेटिक लोकिंग करके सिंक्रोनस स्पीड पर घूमने लगता है।




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