सर्किट ब्रेकर क्या होता है
परिपथ वियोजक (Circuit Breaker) एक यांत्रिक (mechanical) स्विचिग यन्त्र है,जो सामान्य परिपथ परिस्थितियों में धारा को बनाने,वहन करने और वियोजक करने की क्षमता रखता है ।यह असामान्य परिस्थितियों में भी परिपथ को बनाने, कुछ समय तक परिपथ धारा वहन करने और प्रदोष आने के समय परिपथ को वियोजित (break) करके धारा को वहन होने से रोकने का कार्य करता हैं ।
Circuit Breaker एक protection device हैं। जब परिपथ में किसी दोष (fault) के कारण धारा बढ़ जाती है तो circuit breaker परिपथ को तोड़ (break) देता है जिससे हमारे घरों में लगें सभी उपकरण जलने से बच जाते है या खराब होने से बच जाते हैं। तो इस तरह circuit breaker एक protection device का काम करता हैं ।
जो वैधुतरोधी (insulating) माध्यम जिसके द्वारा परिपथ में धारा वहन को रोका जाता है उस परिपथ वियोजक के आगे उपसर्ग लगाकर परिपथ वियोजक के नाम निर्धारित किये जाते हैं । जैसा कि
(1) तेल परिपथ वियोजक (oil circuit breaker),
(2) वायु परिपथ वियोजक (air circuit breaker),
(3) SF6 परिपथ वियोजक (SF6 circuit breaker),
(4) वात्य परिपथ वियोजक (Air blast circuit breaker),
(5) निर्वात परिपथ वियोजक (vacuum circuit breaker)
विधुत शक्ति प्रणाली में कई प्रकार के उपकरण जैसाकि शक्ति परिणामित्र ( power transformer ), जनित्र (generator), एवं पोपक ( Feeders ) आदि महगे होते हैं । इनका सही रख रखाव आवश्यक है, उसके लिए परिपथ में स्वचालित परिपथ वियोजक की आवश्यकता होती हैं । इसे परिपथ के श्रेणी क्रम में लगाया जाता हैं ।परिपथ के साथ संयोजित महगे उपकरणों को जलने से बचाने के लिए प्रदोष आने के समय यह परिपथ को वियोजित करता है। सर्किट ब्रेकर क्या होता है
परिपथ वियोजको का वर्गीकरण
परिपथ वियोजको का वर्गीकरण अलग अलग मापदंडों जैसाकि वोल्टता, स्थिति की स्थापना, उनके बाहरी विशेषताएं, प्रतारोधी माध्यम के आधार पर किया जाता हैं ।
(a) वोल्टेज के आधार पर
(1) कम वोल्टता परिपथ वियोजक(1 kv से कम) (Low voltage circuit breaker)
(2) मध्यम वोल्टता परिपथ वियोजक(1kv से 52kv) (Medium voltage circuit breaker)
(3) उच्च वोल्टता परिपथ वियोजक(66kv से 220kv) (High voltage circuit breaker)
(4) अधिक वोल्टता परिपथ वियोजक ( Extra high circuit breaker )
(b) माध्यम के अनुसार
(1) SF6 परिपथ वियोजक ( SF6 circuit breaker )
(2) वायु नियोजन परिपथ वियोजक
(3) वात्या परिपथ वियोजक
(4) तेल परिपथ वियोजक
(5) नार्वात परिपथ वियोजक
(c) स्थिति के अनुसार
(1) अन्तद्वारीय परिपथ वियोजक (Indoor circuit breaker)
(2) बाह्माद्वारीय परिपथ वियोजक (Outdoor circuit breaker)
(d) प्रचालन प्रणाली के अनुसार
(1) स्वचल पुनर्योजी परिपथ वियोजक (Automatic reclose circuit breaker)
(2) स्वचल परिपथ वियोजक (Automatic circuit breaker)
(3) अस्वचल पुनर्योजी परिपथ वियोजक (Non-auto reclose circuit breaker)
परिपथ वियोजको की संरचना
इस भाग में हम विभिन्न प्रकार के परिपथ वियोजको की संरचना,उपयोगीता और कार्य प्रणाली का अध्यन करेंगे ।
(1) तेल परिपथ वियोजक (oil circuit breaker )
ये पुराने तरह के परिपथ वियोजक है जो कि तेल के आर्क शमन माध्यम के रूप में काम में लेता है । परिपथ वियोजक के सम्पर्क तेल द्वारा अलग किये जाते हैं ।
इसमें दो प्रकार के परिपथ वियोजक आते हैं..
(a) अधिकतम या थोक तेल परिपथ वियोजक (maximum or Bulk oil circuit breaker)
(b) न्यूनतम मात्रा तेल परिपथ वियोजक ( minimum quantity oil circuit breaker )
(a) अधिकतम या थोक तेल परिपथ वियोजक (Maximum or Bulk oil circuit breaker )
इसमें एक मजबूत घना टैंक होता हैं जिसमें एक स्तर तक तेल और तेल के ऊपर हवा भरी होती है । दोनों चल और अचल सम्पर्क तेल में डूबे रहते हैं जैसे ही सम्पर्क अलग होते हैं दोनों सम्पर्को के बीच आर्क उत्पन्न होता है जो ऊष्मा उत्पन्न करता है । इस उष्मा में 5000 डिग्री सेल्सियस तक तापमान उत्पन्न होता है वह तेल को गैसों जैसेकि हाइड्रोजन में बदलता है जिसमें कुछ मात्रा में मीथेन, ईथालीन और एसिटिलीन होती है ।
चल सम्पर्क के हटते ही आर्क लंबाई बढ़ती है और तापमान कम होने पर गैस बनने की मात्रा धीमी हो जाती है । जब चल सम्पर्क और अचल सम्पर्क के मध्य की दूरी एक निर्धारित मान तक पहुंचती है तब शून्य धारा बिन्दु पर पहुंचती हैं
दुगुना वियोजक तेल परिपथ वियोजक
( Double break oil circuit breaker )
यहां पर दो अचल सम्पर्क टर्मिनल बुशिंग के साथ लगे होते हैं जो कि सामान्य परिस्थितियों में चल कुण्डली के साथ सम्पर्क बनाते हैं चल सम्पर्क के साथ जुड़ा लीवर क्रेक की सहायता से चलाया जाता है सर्किट ब्रेकर क्या होता है
जब दो सम्पर्क अलग होते हैं तो दो आर्क बनते हैं । इस श्रेणी में दो वियोजक होते हैं । यह तेज आर्क लंबाई प्राप्त कर सकता हैं । जिसके कारण तेज चल सम्पर्क की आवश्यकता नहीं रहती है परन्तु यह आर्क के एक्रास असमान वोल्टता वितरण उत्पन्न करता है । इसके अलावा असमान अशं में सम्पूर्ण इन्टृप्टिंग ड्यूटी बनाता है एक वियोजक इन्टृप्टिंग ड्यूटी का 70-80 प्रतिशत लेता है ।
Bulk Oil circuit breaker के लाभ (Advantage of Bulk oil circuit breaker )
(1) आर्क ऊर्जा तेल को सोख (absorb) लेता है ।
(2) तेल के गर्म होने पर जो गैस बनती हैं उनकी शीतलन क्षमता अच्छी होती है ।
(3) तेल एक प्रतिरोधी (insulator) का कार्य करता हैं ।
तेल द्वारा बनाई गई शीतलन सतह आर्क के पास होती हैं ।
Bulk Oil circuit breaker की हानियां (Disadvantage of Bulk oil circuit breaker )
(1) इन वियोजको (breakers) का लम्बा एवं अस्थिर आर्क समय होता हैं ।
(2) ये वियोजक तेज गति का इन्टृप्शन (intruption) नहीं कर पाते हैं ।
(3) इसमें आर्क की लंबाई को रोकने के लिए विशेष नियन्त्रण नहीं होता हैं
Bulk Oil circuit breaker के अनुप्रयोग (Application)
ये 150 MVA क्षमता के साथ आते हैं और 11 Kv से कम क्षमता की अनुप्रयोगों के काम में लिए जाते हैं ।
(2) न्यूनतम तेल परिपथ वियोजक (Minimum oil circuit breakers)
अधिक तेल वाले परिपथ वियोजक में जलने का खतरा अधिक रहता है । इसलिए कम तेल वाले परिपथ वियोजक बनाये गये । तेल को दो कामों में लिया जाता है एक तो ये आर्क रोकने के माध्यम में काम आता है दुसरा इसे पृथक्करण के लिए काम में लिया जाता हैं । परन्तु 90% तेल पृथक्करण में काम आता है और 10% आर्क रोकने के काम में आता है सर्किट ब्रेकर क्या होता है।
एक कम तेल परिपथ वियोजक को एक छोटे कन्टेनर में तेल भरकर केवल आर्क रोकने के लिए काम में लिया जाता हैं ।
वायु वियोजन परिपथ वियोजक ( Air break circuit breaker )
इस परिपथ में वातावरण के वायु दाब को आर्क बुझाने का माध्यम बनाया जाता हैं । उच्च प्रतिरोध व्यवधान के सिध्दांत को काम में लिया जाता हैं । आर्क रनर के द्वारा आर्क की लंबाई बढ़ाया जाता हैं । जिससे प्रतिरोध इस प्रकार बढता है कि आर्क के एक्रास वोल्टता पात सप्लाई वोल्टेज से अधिक हो जाता है और आर्क समाप्त हो जाता है ।
Advantages
(1) यह तेज गति के परिपथ के काम में आते हैं ।
(2) इनमें तेल नहीं होने के कारण जलने का भय नहीं रहता हैं
(3) इनकी किमत कम होती हैं ।
(4) ये 11Kv से 1100Kv तक की वोल्टेज पर कार्य कर सकते हैं ।
Disadvantages
(1) इनके लिए वायु संकुचन की आवश्यकता होती हैं ।
(2) अति वोल्टेज की सम्भावना टरन्ट चोपिगं (current choping) के कारण बनी रहती हैं ।
(4) निर्वात परिपथ वियोजक ( Vacuum circuit breaker )
इसमें निर्वात आर्क बुझाने का माध्यम होता हैं । इसकी प्रतिरोधी क्षमता सबसे अधिक होती है यह सबसे अच्छा आर्क बुझाने का माध्यम है ।
यदि हम यह मानते हैं कि निर्वात में परिपथ के सम्पर्क खुले रहते हैं तो व्यवधान पहले शून्य धारा पर आ जाता हैं । जब निर्वात में सम्पर्क खुलते हैं तब धातु के सीरो पर आर्क उत्पन्न होता हैं । सर्किट ब्रेकर क्या होता है
एक उच्च स्पोट धारा घनत्व के कारण उत्पन्न होता है व सम्पर्क अलग होते हैं । आयन और इलैक्ट्रोन वियोजक की सतह पर उत्पन्न होते हैं और यह आर्क रिस्टाकिगं को रोकता है यह एक या एक से अधिक निर्वात व्यवधान भाग प्रति पोल रखता है ।
निर्वात परिपथ वियोजक की संरचना
इसमें निर्वात चैम्बर होता है जोकि चल, अचल चैम्बर और आर्क शील्ड से जुडा होता है । चल चैम्बर स्टील के बेलोश से जुडा होता है जो नियन्त्रण इकाई द्वारा नियंत्रित किया जाता हैं । सम्पर्को को बड़ी डिस्क आकृति से बनाया जाता हैं । डिस्क को सममित रुप से ऐसे बनाया जाता है जिससे दो सम्पर्क एक दूसरे से अलग कार्य कर सके । इस कारण आर्क सरलता से घूम सकता है बाहरी आवरण कांच का होता है यह कांच का आवरण निर्वात पुरी तरह बनाए रखता है ।लीकेज को बचाने के लिए पुरा चैम्बर शील किया जाता हैं ।
धातु की वाष्प जो सम्पर्क के सिरों से निकलती है आर्किगं के समय इन सिरों पर जम जाती हैं । और प्रतिरोधो से अलग रहती हैं ।
डाइकापर मैग्निशियम, डाइसीजियम कापर, और कापर बिस्मत मेटल व निर्वात परिपथ वियोजक में उपयुक्त रहते हैं ।
Advantages
(1) ये बिना आवाज के कार्य करते हैं ।
(2) इसमें ब्लास्ट की आवश्यकता नहीं होती हैं ।
(3) इसमें डाइलेक्टीक क्षमता बढ़ने की संभावना ज्यादा होती हैं ।
(4) इनकी उम्र लंबी होती हैं ।
Disadvantages
(1) काॅच के आवरण के कारण इनका रख रखाव सावधानीपूर्वक करना पड़ता हैं ।
अनुप्रयोग (Applications)
ये आउटडोर एप्लिकेशन में 22Kv से 66Kv तक वोल्टेज के काम में आते हैं । सिंगल इंट्रूप्शन वैक्यूम सर्किट ब्रेकर बहुत अधिक उपयोग में लिए जाते हैं सर्किट ब्रेकर क्या होता है।
(5) सल्फर हेक्सा फ्लोराइड ( sulphur hexa fluoride-SF6 ) सर्किट ब्रेकर
इसमें शुद्ध सल्फर हेक्सा फ्लोराइड गैस काम में ली जाती हैं । इसकी डाइलेक्टिॢक और आर्क बुझाने की क्षमता बहुत अधिक होती हैं । SF6 एक विधुत ऋणात्मक गैस होती है यह इलैक्ट्रोन को सोखने की क्षमता रखती है । यह गैस 9 डिग्री सेल्सियस तापमान तक गैसिय अवस्था में रहती है । इसका घनत्व हवा में पांच गुणा होता है यह अज्वलनशील, विषहीन और गंधहीन गैस होती हैं ।
सर्किट ब्रेकर के सम्पर्क गैस प्रवाहित होने पर उच्च दाब के कारण खुलते व बन्द होते है और आर्क उत्पन्न करता है । इलैक्ट्रोन को गैस सोख लेती हैं । जिससे इलैक्ट्रोन की कमी के कारण प्रतिरोधकता बढ़ती है और आर्क बुझ जाती हैं ।
कई प्रकार के सल्फर हेक्सा फ्लोराइड सर्किट ब्रेकर बनाये गये है जो 36 से 760Kv तक कार्य करते हैं ।
Advantages
(1) इसका आकार अन्य सर्किट ब्रेकर के अनुपात में छोटा होता हैं ।
(2) सल्फर हेक्सा फ्लोराइड एक अज्वलनशील और स्थिर गैस है ।
(3) सल्फर हेक्सा फ्लोराइड गैस को पुनः काम में लिया जा सकता हैं ।
(4) इसकी धारा वहन क्षमता वायु वियोजक से 1.5 गुना ज्यादा होती हैं ।
(5) इसके रख रखाव की लागत बहुत कम आती हैं ।
(6) यह सर्किट ब्रेकर बिना आवाज के कार्य करते हैं ।
Disadvantages
(1) इनमें सिलिगं की समस्या आती हैं ।
(2) गैस के लीकेज की सम्भावना बनी रहती हैं ।
(3) इनमें नमी का दबाव बहुत हानिकारक होता हैं ।
(4) इनकी किमत बहुत अधिक होती हैं ।
अनुप्रयोग ( Applications )
यह 60KA तक धारा और 50-80Kv तक वोल्टेज को रोक सकते हैं । इन्हें 115 से 500Kv वोल्टेज और शक्ति दर 10MVA से 20MVA तक काम में लिया जाता हैं ।
दोस्तों हमने यहां पर सर्किट ब्रेकर क्या होता है और ये कितने प्रकार का होता है यह जाना है i hope के आप सब को मैरी ये पोस्ट अच्छी लगी होंगी। इसके बारे में अपने सुझाव के लिए एक कमेंट जरुर करे।
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