dc generator in hindi : डीसी जनरेटर के प्रकार

 हैलो दोस्तो मैं हूं आपका दोस्त आपका होस्ट तो आज की इस पोस्ट में हम बात करने वाले हैं डी सी जेनरेटर के बारे में इस पोस्ट में हम जानेंगे कि dc generator in hindi क्या होता है यह कैसे काम करता है कैसे ये डी सी सप्लाई को ए सी सप्लाई में बदलता है इसका कार्य सिध्दांत क्या है और डी सी जेनरेटर कितने प्रकार के होते है।इसके पार्ट क्या क्या होते है तो आज हम डी सी जेनरेटर की इन्ही सब विषयों के बारे में बात करेंगे तो चलिए शुरू करते है सबसे पहले बात करते हैं कि डी सी जेनरेटर होता क्या है।

डी सी जेनरेटर क्या होता है

DC जेनरेटर (DC Generator) एक ऐसी मशीन है जिसका प्रयोग विधुत ऊर्जा उत्पन्न करने के लिए किया जाता है। डी सी जेनरेटर का मुख्य काम यांत्रिक ऊर्जा (Mechanical energy) को विधुत ऊर्जा (Electrical energy) में परिवर्तित करना होता हैं।

सबसे पहले एक विधुत जेनरेटर का अविष्कार एक वैज्ञानिक ने किया था।जिनका नाम माइकल फैराडे था।वह इंग्लैंड के रहने वाले थे। ओर उन्होंने इस dc generator in hindi का अविष्कार 1831 ईशवी में किया था।

डी सी जेनरेटर का कार्य सिद्धान्त (working principle of DC Generator)

जेनरेटिगं मोड़ में रोटर को हम अपने हाथ से घुमाते हैं या किसी प्राइम मूवर द्वारा घुमाया जाता है जिससे चालक में विधुत वाहक बल (electro motive force) या धारा (current) उत्पन्न होती हैं। चालक में धारा की दिशा पोल बदलने पर बदलती रहती हैं। अर्थात् चालक में जो धारा उत्पन्न होती है वह एक प्रत्यावर्ती धारा (Alternating current) होती हैं। इस प्रत्यावर्ती धारा को कम्यूटेटर और ब्रस के द्वारा दिष्ट धारा (direct current) में परिवर्तित कर दिया जाता हैं। 
यदि किसी चालक को चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाया जाये तो उसमें एक विधुत वाहक बल (electro motive force, EMF) उत्पन्न होता है जिसकी दिशा फ्लेमिगं के दायं हाथ के नियम (flaming Right Hand Rull) से निकाली जाती हैं।
{ डी सी जेनरेटर एक mechanical Rectifire की तरह काम करता हैं। }
{ डी सी जेनरेटर में electro magnetic torqe की दिशा motion के विपरित होती हैं। }

डी सी जेनरेटर का equivalent Circuit diagram

डी सी जेनरेटर के मुख्य भाग (important parts of dc generator) 

(a) स्टेटर (stator) 

यह हमारी मशीन का एक मुख्य भाग होता है जो हमारी मशीन को यांत्रिक सहायता (machanical support) प्रदान करता हैं। और यह स्टेटर में बनने वाले फ्लक्स के लिए low relectance पाथ प्रदान करता हैं और यह छोटी मशीनों में cast iron का बना होता है। और बड़ी मशीनों में इसे febricated steel का बनाया जाता हैं। और मशीन का यह भाग non lemineted होता है। dc generator in hindi के स्टेटर के बहुत सारे मुख्य भाग निचे दिखाये गये हैं।

 (1) फिल्ड वाइंडिंग
 (2) फिल्ड पोल
 (3) इन्टर पोल
 (4) पोल कोर
 (5) योक
 (6) पोल सू
 (7) कोम्पनसेटिगं वाइंडिंग

(b) रोटर (Rotor)

रोटर भी मशीन का एक मुख्य भाग होता है। यह मशीन का घूमने वाला भाग होता है।रोटर पर ही आर्मेचर वाइंडिंग को प्लेस किया जाता है।रोटर की कोर हम सीलिकन स्टील की प्रयोग करते है क्योंकि इसकी पर्मेबिलीटी हाई होती हैं। इसकी पर्मेबिलीटी हाई होने के कारण इसमें उत्पन्न होने वाली हानि (loss) कम हो जाती हैं।रोटर पर लगने वाले मुख्य भागों को निचे दिखाया गया हैं।
(1) आर्मेचर वाइंडिंग
(2) आर्मेचर कोर
(3) कम्यूटेटर
(4) कम्यूटेटर सिगमेंट
(5) ब्रस
(6) साफ्ट

डी सी जेनरेटर के प्रकार (types of dc generator) 

डी सी जेनरेटर दो प्रकार के होते हैं।
(1) सेप्रेटेली एक्साइटेड 
(2) सेल्फ एक्साइटेड
सेल्फ एक्साइटेड जेनरेटर तीन प्रकार के होते हैं।
(1) डी सी शंट जेनरेटर
(2) डी सी सीरीज जेनरेटर
(3) डी सी कम्पाउडं जेनरेटर
डी सी कम्पाउडं जेनरेटर दो प्रकार के होते हैं।
(1) कम्यूलेटिव कम्पाउडं
(2) डीफरेशिंयल कम्पाउडं

इसे भी पढ़ें : DC Machine in hindi

(1) सेपरेटली एक्साइटेड जेनरेटर (separately excited generator)

सेपरेटली एक्साइटेड जेनरेटर में हम फिल्ड वाइंडिंग को हम एक अलग सेपरेट सोर्स से एक्साइट करते हैं। तो इसमें एक विधुत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है जिसके कारण जेनरेटर में एक धारा प्रवाहित होने लगती है।

(2) डी सी शंट जेनरेटर (DC shunt generator) 

इस जेनरेटर में हम आर्मेचर के शंट में एक शंट वाइंडिंग जोड़ देते है जिसे फिल्ड वाइंडिंग कहते हैं। इस फिल्ड वाइंडिंग का प्रतिरोध उच्च होता है। इस वाइंडिंग के घुमाओ (turn) की संख्या अधिक होती है और इसे पतले (thin) तार से बनाया जाता हैं।

(3) डी सी सीरीज जेनरेटर (DC series generator)

इस जेनरेटर में हम एक वाइंडिंग को आर्मेचर वाइंडिंग के सीरीज में जोड़ देते है। इस वाइंडिंग को हम सीरीज वाइंडिंग कहते हैं। इसमें यही हमारी फिल्ड वाइंडिंग होती हैं। इस फिल्ड वाइंडिंग का प्रतिरोध बहुत कम होता है। और इसके घुमाओ भी कम होते हैं। इस वाइंडिंग को मोटे तार (think wire) से बनाया जाता हैं।

डी सी कम्यूलेटिव कम्पाउडं जेनरेटर (DC commulative compound generator)

इस जेनरेटर में हम शंट फिल्ड वाइंडिंग और सीरीज फिल्ड वाइंडिंग दोनों का प्रयोग करते हैं। यदि सीरीज फिल्ड वाइंडिंग और शंट फिल्ड वाइंडिंग दोनों का फ्लक्स एक समान दिशा (same direction) में है-तो ऐसी मशीन को कम्यूलेटिव कम्पाउडं जेनरेटर कहते हैं।

डिफरेंशियल कम्पाउडं जेनरेटर (Differential compound generator)

यदि सीरीज फिल्ड वाइंडिंग और शंट फिल्ड वाइंडिंग दोनों का फ्लक्स विपरित दिशा में है तो ऐसी मशीन को डिफरेंशियल कम्पाउडं जेनरेटर कहते हैं।

डी सी जेनरेटर का उपयोग (use of dc generator)

• वैल्डिगं में डिफरेंशियल कम्पाउडं जेनरेटर का उपयोग किया जाता है क्योंकि इसमें शाॅर्ट सर्किट करन्ट की वल्यू कम होती हैं।
• सेपरेटली एक्साइटेड dc generator in hindi का उपयोग लेबोरेट्री में टेस्टीगं परपज के लिए और इलैक्ट्रो प्लेटिगं में किया जाता है।
• डी सी शंट जेनरेटर का उपयोग बैटरी चार्जिंग और लाइटिंग सिस्टम में किया जाता है।
• डी सी सीरीज जेनरेटर का उपयोग बूस्टर में किया जाता है बूस्टर को डी सी डिस्ट्रिब्यूशन लाइन में सीरिज में कनैक्ट किया जाता है जो लाइन वोल्टेज ड्राॅप को कोम्पनसेट करता हैं।
• कम्यूलेटिव कम्पाउडं डी सी जेनरेटर का उपयोग हाई वोल्टेज डी सी (H.V.D.C) में किया जाता है। 

डी सी जेनरेटर की Characterstics

डी सी जेनरेटर के लिए दो प्रकार की characterstics define की जाती है।
(1) बिना भार (no load) Characterstics
(2) भार (load) Characterstics
भार Characterstics दो प्रकार की होती है।
(a) internal Characterstics
(b) external Characterstics

(1) no load Characterstics

यह Characterstics आर्मेचर टर्मिनल को खुला रखते हुए नो लोड टर्मिनल वोल्टेज और फिल्ड करन्ट के बीच खींची जाती है इस Characterstics को मैगनेटाइजीगं कर्व भी कहते हैं। इसे खिंचने के फिल्ड करंट को धिरे धिरे बढ़ाया जाता हैं। और इसके अनुसार आर्मेचर की टर्मिनल वोल्टेज बिना भार के निकाली जाती हैं।

(2) Load Characterstics

यह दो प्रकार की होती है इनको खिंचने के लिए जेनरेटर पर भार को जोड़ा जाता हैं।
Internal Characterstics आर्मेचर में जेनरेटेड वोल्टेज और आर्मेचर करंट के बीच खींची जाती हैं।
External Characterstics आर्मेचर टर्मिनल वोल्टेज और लोड करन्ट के बीच खींची जाती हैं।

सेपरेटली एक्साइटेड जेनरेटर की characterstics


रेटेड स्पीड और फिल्ड करंट पर आर्मेचर की टर्मिनल वोल्टेज नियत (constant) रहती है लेकिन जैसे जैसे भार बढ़ाया जाता है आर्मेचर रियक्शन के कारण टर्मिनल वोल्टेज थोड़ी कम हो जाती है इसलिए external Characterstics constant न रहकर थोड़ी drop हो जाती हैं।
External Characterstics drow करने के लिए जेनरेटेड वोल्टेज में से आर्मेचर drop (Ia.Ra) घटाया जाता हैं। जिसके लिए एक आर्मेचर रेसिस्टेंस लाइन ड्रो करके उतना ही ड्रॉप कम कर दिया जाता हैं।

डी सी सीरीज जेनरेटर की characterstics

डी सी सीरीज जेनरेटर के चुम्बकन वक्र (magnetising curve) क़ खिंचने के लिए भी उस पर भार कैनेक्ट किया जाता है यदि पोल के सेचुरेशन के बाद भी भार को बढ़ाया जाता है तब आर्मेचर रियक्शन के कारण फ्लक्स बढ़ने की बजाए घटना शुरु हो जाता है जिससे जेनरेटेड वोल्टेज और टर्मिनल वोल्टेज दोनों खिंच जाती हैं।

डी सी कंपाउंड जेनरेटर की characterstics

डी सी कंपाउंड जेनरेटर में शंट के फ्लक्स के साथ सीरीज का फ्लक्स भी कार्य करता है सीरीज वाइंडिंग का फ्लक्स शंट वाइंडिंग के फ्लक्स का विरोध करता हैं।
डी सी कंपाउंड जेनरेटर के लिए एक निशचित भार पर सीरीज वाइंडिंग का फ्लक्स शंट वाइंडिंग के फ्लक्स पर चार प्रकार से प्रभाव डालता है।
(1) फ्लैट कंपाउंड
(2) ओवर कंपाउंड
(3) अन्डर कंपाउंड
डिफरेंशियल कम्पाउडं

(1) फ्लैट कंपाउंड

फ्लैट कंपाउंड का मतलब उस जेनरेटर से है जिसकी टर्मिनल वोल्टेज नो लोड पर और फुल लोड पर बराबर होती हैं।

(2) ओवर कंपाउंड

ओवर कंपाउंड उस dc generator in hindi से है जिसकी फुल लोड वोल्टेज, नो लोड वोल्टेज से अधिक होती हैं।

(3) अन्डर कंपाउंड

जिस समय हमारा जेनरेटर अन्डर कंपाउंड कन्डिशन में होगा उस समय फुल लोड वोल्टेज, नो लोड वोल्टेज से कम होगी।







कोई टिप्पणी नहीं: