dc machine in hindi : डीसी मशीन क्या है : डीसी मशीन कार्य सिद्धांत : dc machine construction in hindi

             डी सी मशीन क्या होती है

जहां विधुत यांत्रिक ऊर्जा परिवर्तन यन्त्र का उपयोग किया जाता है उसे मशीन कहते हैं। जैसे डी सी मोटर में हम विधुत ऊर्जा को यांत्रिक ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं और डी सी जेनरेटर में हम यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं । dc machine in hindi का मुख्य भाग स्टेटर और रोटर होता है। स्टेटर मशींन का स्थिर भाग होता है जो एक ही स्थान पर रुका रहता है। रोटर मशींन का घूमने वाला भाग होता है जिसके घूमने पर मशींन में एक विधुत वाहक बल उत्पन्न होता है।

डी सी मशीन के मुख्य भाग

डी सी मशीन के मुख्य दो भाग होते हैं
(1) स्टेटर
(2) रोटर 

                      (1)   स्थाता (Stator)

मशीन के जिस भाग पर हम फिल्ड वाइंडिंग लगाते है उस भाग को हम स्टेटर कहते हैं । स्टेटर मशीन का स्थिर (रुका हुआ) भाग होता है । यह फ्लक्स को आसानी से अपने अन्दर से गुजारने का काम करता हैं ।

फिल्ड सिस्टम का मुख्य काम एक समान चुम्बकीय क्षेत्र बनाना है । जिसमें आर्मेचर घुमता हैं । । फिल्ड सिस्टम बनाने के लिए विधुत चुम्बक का प्रयोग किया जाता हैं । जिसकी मैगनेटाइजीगं धारा कंट्रोल करके फिल्ड की स्ट्रेंथ कंट्रोल की जाती हैं ।

स्टेटर के चार मुख्य भाग होते हैं ।

(1) योक या फ्रेम

(2) पोल बोड़ी या पोल कोर

(3) पोल सू

(4) फिल्ड वाइंडिंग


                     (1)    योक या फ्रेम

योक एक हॉलो सिलेण्डिरीकल स्ट्रक्चर हैं । जो कि मशीन का फ्रेम कहलाता है । छोटी रेटिंग की मशीन में यह कास्ट आयरन का बना होता है जबकि बड़ी मशीनों में फेब्रिकेटेड स्टील से बनाया जाता हैं । क्योंकि इसकी पर्मेबिलीटी हाई होती हैं ।

                        (2) पोल बोड़ी

पोल बोड़ी चुम्बकीय क्षेत्र का सोर्स हैं जिसकी सहायता से चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न किया जाता हैं ।

                         (3) पोल सू

पोल सू भी पोल बोड़ी का ही एक हिस्सा हैं जो क्यूरेटिव आकार लिए रहता हैं । पोल सू का मुख्य काम फ्लक्स को स्प्रेड आउट करना है । साथ ही साथ यह फील्ड कॉयल को भी रोककर रखता है । 

                          (4) फिल्ड काॅयल

फिल्ड काॅयल काॅपर की बनी वांइडिग होती है जिन्हें पोल बोड़ी के ऊपर लपेटा जाता हैं ।

                     (2)  घूर्णक (Rotor)

यह dc machine in hindi का घूमने वाला पार्ट है जो कि बेलनाकार आकार के रुप में बना होता है। रोटर मशीन का घूमने वाला भाग होता है। इस पर आर्मेचर वाइंडिंग को लपेटा जाता हैं ।इसके मुख्य निम्न भाग होते हैं ।
(1) आर्मेचर कोर 
(2) दिकपरिवर्तक
(3) ब्रस
(4) आर्मेचर वाइंडिंग
(5) साफ्ट ओर बियरिंग

                   (1) आर्मेचर कोर

आर्मेचर का मुख्य काम कन्डक्टर को अपने अन्दर प्लेस करके चुम्बकीय क्षेत्र में घुमाना होता है इसके लिए लगभग .3mm - .6mm Si steel से बनी लेमिनेटेड कोर से एक बेलनाकार आकार बनाया जाता है जिसमें स्लोट कटे होते हैं । इन स्लोट में आर्मेचर वाइंडिंग को प्लेस किया जाता हैं ।

        (2) दिकपरिवर्तक (Commutator) 

दिकपरिवर्तक एक घुमने वाला स्विच है जो कि आर्मेचर और बाहरी परिपथ के बीच लगा होता है इसका मुख्य काम बाहरी परिपथ के कनेक्शन को ऊल्टा करना होता हैं । जो कि आर्मेचर काॅयल में धारा के रिवर्स होने पर किये जाते हैं । 

Commutator ही आर्मेचर में उत्पन्न ऐ सी को डी सी में बदलता है साथ ही साथ एक इलैक्ट्रिकल कनेक्शन भी बाहरी परिपथ के साथ बनाता है ।

यह उच्च चालकता वाले हार्ड ड्राउन काॅपर का बना होता हैं । कुछ मशीन में यह फॉर्ज्ड कॉपर का बना होता हैं 

दिकपरिवर्तक को सिगमेंट में बांटा जाता है और हर एक सिगमेंट .5 -  1mm की माइका की लेयर से इन्सूलेटेड होता हैं ।

कैम्मुटेटर सेगमेंट से धारा को इकट्ठा करने का काम ब्रस करते हैं यह आयताकार आकार के होते है और कार्बन के बने होते हैं । इन्हें ब्रस होलडर के अन्दर लगाया जाता है और कॉमुटेटर सेगमेंट पर प्लेस किया जाता हैं । ये dc machine in hindi के एक तरह से मेन पाट होते है।
ब्रस कार्बन ग्रेफाईट, ग्रेफाईट, मेटल ग्रेफाईट, कॉपर के भी बने होते हैं । 

(3) आर्मेचर वाइंडिंग

जिस वाइंडिंग में विधुत वाहक बल (इएमएफ) उत्पन्न होता है उस वाइंडिंग को आर्मेचर वाइंडिंग कहते है ।
आर्मेचर वाइंडिंग में हमेशा प्रत्यावर्ती धारा बहती हैं ।
आर्मेचर वाइंडिंग भार धारा ग्रहण करती हैं ।
डी सी मशीन में आर्मेचर वाइंडिंग रेटेड पावर ग्रहण करती है जबकि फिल्ड वाइंडिंग रेटेड पावर का 2 से 5% ग्रहण करती हैं ।

डी सी मशीन में दो प्रकार की आर्मेचर वाइंडिंग होती हैं

(1) लेप वाइंडिंग (Lap winding)
(2) वेव वाइंडिंग (Wave winding)

(4) साफ्ट ओर बियरिंग

छोटी मशीन में बाॅल बियरिंग प्रयोग किये जाते हैं जबकि बड़ी मशीनों में रोल बियरिंग प्रयोग किये जाते हैं बहुत अधिक रेटिंग की मशीनों में पेडेशटल बियरिंग प्रयोग किये जाते हैं ।

dc machine in hindi में आर्मेचर कोर को साफ्ट के ऊपर लगाया जाता है यह साफ्ट माइल्ड स्टील की बनी होती हैं । सभी घुमने वाले पार्ट को साफ्ट पर लगाया जाता हैं ।


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