अल्टरनेटर में होने वाली हानियां : Losses of alternator

 आज हम पड़ेंगे अल्टरनेटर में होने वाली हानियों के बारे में अल्टरनेटर एक ए सी वोल्टेज ऊत्पन्न करने वाली मशींन है जिसके कुछ अंग स्थिर होते है और कुछ अंग घूमने वाले होते है। अल्टरनेटर के इन्ही अंगों में हानियां उत्पन्न होती है। इन हानियों को हम इस लेख में अच्छे से समझेंगे।

सभी मशीनों की कार्य कुशलता उनके आउटपुट पर निर्भर करती है जिस मशींन का आउटपुट जितना अच्छा होता है वह मशींन उतनी ही अच्छी मानी जाती है। हर मशींन का आउटपुट उसमें होने वाली शक्ति हानियों पर निर्भर करता है। जितनी कम मशींन में हानियां होती है उतना ही अच्छा मशींन का आउटपुट होता है ‌‌‌‌‌‌‌‌‌

इसलिए मशींन का आउटपुट जानने के लिए इन हानियों के बारे में समझना जरूरी होता है। अल्टरनेटर में तीन प्रकार की हानियां होती है।

(1) लौह हानियां (iron losses)

ये हानियां अल्टरनेटर की कोर में उत्पन्न होती है। अल्टरनेटर में होने वाली भंवर धारा और शैथिल्य हानियों को एक जगह मिला दिया जाए तो इन्हें लौह हानियां कहतें है। इन हानियों को कोर हानियां, चुम्बकीय हानियां, स्थिर हानियां आदि नामों से भी जाना जाता है। ये हानियां आर्मेचर कोर, आर्मेचर खाॅचों और पोलों के नालों के लौहें वाले अंगों में चुम्बकीय फ्लक्स में परिवर्तन होने के कारण उत्पन्न होती है। 

इन हानियों पर भार के बढ़ने या घटने का कोई फर्क नहीं पड़ता है क्योंकि ये हानियां अल्टरनेटर की कोर में होती है और इन्हे उस वक्त फिक्स कर दिया जाता है जब अल्टरनेटर की कोर को बनाया जाता है। इसलिए ये हानियां फिक्स रहती है और इन पर भार के कम या ज्यादा होने का कोई फर्क नहीं पड़ता है।

(2) ताम्र हानियां (copper losses) 

ताम्र हानियां अल्टरनेटर की वाइंडिंग में होती है। अल्टरनेटर की वाइंडिंग में बहने वाली धारा के कारण अल्टरनेटर की वाइंडिंग में गर्मी पैदा हो जाती है। इस गर्मी को ही ताम्र हानियां कहते है। क्योंकि ये हानियां धारा की वजह से उत्पन्न होती है इसलिए ये पूरी तरह से धारा पर ही निर्भर करती है। अल्टरनेटर में ये हानियां तीन अंगों में होती है।

• आर्मेचर ताम्र हानियां___ये हानियां आर्मेचर के प्रतिरोध और आर्मेचर में प्रवाहित होने वाली धारा के कारण आर्मेचर में गर्मी उत्पन्न हो जाती है जिससे आर्मेचर हानियां होती है।

• फिल्ड ताम्र हानियां___ये हानियां फिल्ड वाइंडिंग के प्रतिरोध और उसमें प्रवाहित होने वाली धारा के कारण गर्मी पैदा होने के कारण उत्पन्न होती है।

• ब्रश ताम्र हानियां___ये हानियां बहुत कम होती है इसलिए इन्हें शून्य के बराबर ही माना जाता है। ये हानियां सर्पी वलयो और ब्रुशों के बीच सम्पर्क प्रतिरोध के कारण गर्मी बनने के कारण होती है।

(3) यांत्रिक हानियां (mechanical losses)

ये हानियां अल्टरनेटर के जो घूमने वाले अंगों में घर्षण होने के कारण ऊत्पन्न होती है। जब दो अंगों के बीच आपस में घर्षण होता है तब होती है। बियरिंग, स्लिप रिगं, वायु अंतराल में रोटर पर वायु का दबाव बनने से घर्षण उत्पन्न होता है जिससे ये हानियां पैदा हो जाती है।

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