Rccb और एमसीबी क्या है? : mcb and rccb difference in hindi

 हैलो दोस्तो आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि MCB और RCCB क्या होता है और mcb or rccb me difference क्या है mcb का प्रयोग कहा किया जाता है और RCCB को किस जगह पर इस्तेमाल में लाया जाता है। इन दोनों का काम क्या होता है और किन किन चीजों से ये प्रोटेक्शन प्रदान करती है। इंटरव्यू के अन्दर भी आपसे इस पर प्रश्र पूछा जा सकता है कि mcb और rccb में क्या अंतर होता है तो इसे समझने के लिए आप इस पोस्ट बड़ी ही ध्यान पूर्वक पढ़िए तभी आप इन दोनों ही प्रोटेक्शन डिवाइस के बारे में अच्छे से समझ पायेंगे तो चलिए शुरू करते है आज के इस बहुत ही प्यारे टोपिक को।


mcb or rccb me difference


MCB क्या होता है

सबसे पहले हम mcb के बारे में बात करेंगे कि MCB क्या होता है। इस प्रोटेक्शन डिवाइस का पूरा नाम miniature circuit breaker होता है और यह केवल ओर केवल ओवर लोड और शाॅर्ट सर्किट पर ही सुरक्षा प्रदान करती है इसके अलावा यह ओर किसी चीज पर प्रोटेक्शन नहीं देती है।

चलिए इसको एक उदाहरण के द्वारा समझते है पहले ओवर लोड से प्रोटेक्शन कैसे करता है उसको समझते है। मान लीजिए आपके घर में एक 10 एम्पीयर रेटिंग की mcb लगी हुई है। यदि इसमें करंट 10 एम्पीयर तक फ्लो हो रहा है तब तक तो कोई चिंता की बात नहीं होती है लेकिन यदि किसी कारण इसमें करंट का मान दस एम्पीयर से थोडा भी ज्यादा हो जाता है यानी के 10.5 या 11 एम्पीयर हो जाता है तो आपके घर में लगी यह mcb तुरंत ही trip कर जाती है जिससे घर के अंदर लगें उपकरण और इलैक्ट्रिकल वायरिंग सुरक्षित बच जाती है तो इस तरह से एक MCB ओवर लोड से सुरक्षा प्रदान करती हैं।

अब शाॅर्ट सर्किट से प्रोटेक्शन कैसे करती है यह समझते है। मान लीजिए आपके घर में विधुत सप्लाई आ रही है और इसमें mcb लगा हुआ है इसमें से दो वायर आते है जो आगे विधुत बल्ब या विधुत मोटर तक जातें है। जिनमें से एक तार फेज का होता है और दूसरा न्यूट्रल का होता है। यदि किसी कारण इनमें से एक तार टूट कर दूसरे तार से मिल जाये यानी फेज वाला वायर टूटकर न्यूट्रल वायर से टच हो जाये तो दोनों तारों में शाॅर्ट सर्किट होने के कारण mcb तुरंत ही trip कर जाती है तो इस प्रकार यह शाॅर्ट सर्किट से भी सुरक्षा प्रदान करती हैं।

RCCB क्या होता है

इस सुरक्षा यंत्र का पूरा नाम residual current circuit breaker होता है। इसके अन्दर हमे काफी सारी सुविधाएं मिल जाती है जो कि mcb के अन्दर नहीं पाई जाती है इसका मुख्य कार्य परिपथ में विधुत धारा का बैलेंस जब बिगड़ जाता है तो उस कंडिशन में परिपथ को सप्लाई से पृथक करना होता है आसान से शब्दों में इसे ऐसे कह सकते है कि rccb का काम सर्किट में करंट को बैलेंस करना होता है।

चलिए इसको भी एक उदाहरण के द्वारा समझते है। मान लीजिए आपके पूरे घर में rccb लगा हुआ है आपका एक छोटा पांच या आठ साल का बच्चा है जिसने घर में लगें विधुत बोर्ड के सोकेट में उंगली दे दी है और उस सोकेट का स्विच भी ओन कंडिशन में है तो उस समय क्या होगा ? आपके घर की rccb तुरंत ही ट्रिप कर जायेंगी और आपका बच्चा करंट लगने से बच जायेगा। तो इस प्रकार से यह सुरक्षा प्रदान करती है। इसलिए इस प्रोटेक्शन डिवाइस को लगवाना बहुत जरूरी होता है क्योंकि बच्चों को पता नहीं होता है यदि किसी कारण वह कोई बिजली का तार पकड़ लेते है या फिर किसी विधुत बोर्ड के सोकेट में अपनी उंगली डाल देते है तो rccb उसे करंट लगने से पहले ही बचा लेगी इस तरह से आप और आपके बच्चे बिजली से सुरक्षित रहेंगे।

MCB और RCCB में अंतर

दोस्तों जैसा हमने अभी ऊपर जाना है कि mcb सिर्फ दो चीजों से सुरक्षा प्रदान करती है एक तो over load और दूसरा short circuit यानी के जब परिपथ में ओवर लोड की कंडीशन आयेगी या कहीं पर आपस में दो तारों में शाॅर्ट सर्किट हुआ हो तो इनसे ही यह प्रोटेक्शन करती है। और rccb एक ऐसी प्रोटेक्शन डिवाइस होती है जब परिपथ में करंट अनियंत्रित हो रहा हो यानी के जितना करंट फेज से आ रहा है उतना ही अगर हमें न्यूट्रल पर नहीं मिल रहा है तो उस समय यह सर्किट से सप्लाई को अलग कर देती है। यही mcb और rccb में अंतर होता है।

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