Nodal Analysis in hindi : नोडल ऐनालेशिस हिंदी में

 आज की इस पोस्ट में हम जानेंगे कि नोडल ऐनालेशिस क्या होता है। इसका प्रयोग क्यो किया जाता है और इसके द्वारा किस चीज को निकाला जाता है।

नोडल ऐनालेशिस के द्वारा  परिपथों के नोड का वोल्टेज निकाला जाता है। जिन परिपथों में ओम के नियम या किरचाॅफ के नियम से वोल्टेज नहीं निकलती है वहां पर नोडल ऐनालेशिस का प्रयोग करके उस परिपथ के नोड का वोल्टेज ज्ञात किया जाता है। 

या जिन परिपथों में बहुत सारे वोल्टेज सोर्स या करंट सोर्स लगें होते है और देखने में ये परिपथ बहुत कठिन दिखाई देते है तो ऐसे परिपथों में भी नोडल ऐनालेशिस के द्वारा ही नोड का वोल्टेज निकाला जाता है।

नोडल ऐनालेशिस को किसी भी परिपथ में अप्लाई करने से पहले कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। इन बातों को में आपको स्टेप बाई स्टेप निचे बता रहा हूं।

• स्टेप नम्बर एक

सबसे पहले जिस परिपथ को नोडल ऐनालेशिस से हल करना है उस परिपथ में नोड की संख्या देखेंगे कितनी है।

• स्टेप नम्बर दो

फिर उसमें से एक नोड को रिफरेंस मान लेते है यानी के उस नोड के वोल्टेज को शून्य (0V) मान लेते है। आपको ऐसे नोड के वोल्टेज को शून्य मानना है जिससे परिपथ हल करने में आसानी हो।

• स्टेप नम्बर तीन

परिपथ के जिस नोड का वोल्टेज निकल सकता है उसे निकाल लेते है और जिस नोड का वोल्टेज आसानी से नहीं निकलता उसे V1,V2 आदि मान लेंगे।

• स्टेप नम्बर चार

उसके बाद परिपथ में नोडल ऐनालेशिस अप्लाई करके V1,V2 आदि के मान निकाल लेते है।

तो इस तरह से नोडल ऐनालेशिस का प्रयोग करके नोड का वोल्टेज ज्ञात किया जाता है।


उम्मीद करता हूं कि आप सब समझ गये होगें कि कैसे नोडल ऐनालेशिस का प्रयोग करके नोड का वोल्टेज निकाला जाता है। अगर आपको यह पोस्ट अच्छी लगी है या आप का कोई सवाल है तो आप हमें कमेंट करके जरूर बताइए।



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