thermal power plant in hindi : थर्मल पॉवर प्लांट क्या हैं?

 हैलो दोस्तो आज हम इस पोस्ट में बात करेंगे thermal power plant in hindi में बिजली कैसे बनती है। और इसमें ऊर्जा को यांत्रिक रूप से विधुत रूप में कैसे बदला जाता है। ओर कौन कौन से उपकरण के द्वारा इस काम को अंजाम दिया जाता है तो आज में आपको इन सब के बारे में अच्छे से समझाऊंगा तो आप सब बनें रहिए हमारी इस पोस्ट पर तो सबसे पहले यह जान लेते है कि पाॅवर प्लांट आखिर होता क्या है।

पाॅवर प्लांट एक ऐसा स्थान होता है जहां पर ऊर्जा को एक रूप से दूसरे रूप में बदला जाता है। यह बहुत सारी जगह में फैला होता है इसके अन्दर बहुत सारी मशींने लगी होती है जैसे टरबाइन, बाॅयलर,सुपर हिटर, भट्टियां, अल्टरनेटर,हिटर और काफी सारी मशीनें इसके अन्दर लगीं होती है। उस जगह को पाॅवर प्लांट कहते है। ऊर्जा एक ऐसी चीज होती है जिसको न तो ऊत्पन्न किया जा सकता है और न ही इसको खत्म किया जा सकता है ऊर्जा को सिर्फ और सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में बदला जा सकता है। थर्मल पॉवर प्लांट में भी ऊर्जा को सिर्फ एक रूप से दूसरे रूप में बदला जाता है तो अब thermal power plant kya hota hai के बारे में जान लेते है।

थर्मल पॉवर प्लांट क्या होता है ( thermal power plant in hindi )

थर्मल पॉवर प्लांट एक ऐसा पाॅवर प्लांट होता है जहां पर यांत्रिक ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा में परिवर्तित किया जाता है तो ऐसे पाॅवर प्लांट को थर्मल पॉवर प्लांट कहते है। इसे स्टीम पाॅवर प्लांट भी कहते है क्योंकि इसमें टरबाइन को स्टीम के द्वारा ही घुमाया जाता है। 

थर्मल पॉवर प्लांट में पानी को गर्म करके भाप ऊत्पन्न की जाती है इस भाप को पूरी तेजी के साथ टरबाइन में छोड़ा जाता है जिससे टरबाइन की पंखुड़ियां घूमने लगती है टरबाइन की साफ्ट से अल्टरनेटर जुडा रहता है जिससे टरबाइन की पंखुड़ियां घूमने पर अल्टरनेटर भी घूमने लगता है तो इस से टरबाइन की यांत्रिक ऊर्जा को अल्टरनेटर के द्वारा विधुत ऊर्जा में परिवर्तित कर दिया जाता है
इस पूरी प्रक्रिया में काफी सारे उपकरणों का इस्तेमाल किया जाता है जिनके बारे में हम विस्तार से निचे पढ़ेंगे।

वाटर रिजर्वायर

 पानी thermal power plant का मुख्य स्रौत होता है। क्योंकि पानी से ही भांप बनती है और थर्मल पॉवर प्लांट में भाप से ही बिजली बनती है। थर्मल पॉवर प्लांट में जिस जगह पानी को स्टोर करके रखा जाता है। उस जगह को वाटर रिजर्वायर कहते है। वाटर रिजर्वायर के अन्दर पानी को साफ करने के लिए मशीनें लगी रहती है ताकि बाॅयलर के अन्दर साफ पानी पहुंचे और पानी जल्दी से भाप में बदल जाये।

कन्वेयर बेल्ट

यह एक लौहे की बनी बेल्ट होती है जो कोयलें को क्रशर तक लाने का काम करती है। थर्मल पावर प्लांट पर कोयला माल गाड़ी में भर कर आता है माल गाड़ी से कोयलें को कन्वेयर बेल्ट के द्वारा क्रशर तक पहुंचाया जाता है।

  क्रशर

कोयला थर्मल पॉवर प्लांट के अन्दर बड़े बड़े टूकडों के रूप में आता है अगर कोयलें को टूकडों के रूप में ही जला दिया जाये तो कोयला पूरी तरह से जल नहीं पाता है जिससे कोयलें की पूरी ऊर्जा का उपयोग नहीं हो पाता है।तो इसलिए इन कोयलें के टुकड़ों को क्रशर में डालकर बारीक महीन पावडर बनाया जाता है जिससे कोयलें का फैलाव अच्छी तरह से हो जाता है और कोयला पूरी तरह से जलता है।

ईंधन(feul)

 thermal power plant in hindi में उपयोग किया जाने वाला ईंधन कोयला होता है कोयलें को भट्टी में जलाकर ही बाॅयलर के अन्दर का पानी गर्म होकर भाप बनने लगता है। यह भाप टरबाइन को घूमाने का काम करती है जिससे अल्टरनेटर घूमने लगता है और बिजली बनने लगती है। इस प्रकार कोयला बिजली बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। दुनिया भर में कोयला कई प्रकार का पाया जाता है। इसलिए एक अच्छे कोयले का चयन करना बहुत जरूरी होता है। जिस कोयलें में कार्बन की मात्रा अधिक होती है उसे सबसे अच्छा कोयला माना जाता है। 

कोयला प्रकृति में कई चार प्रकार क पाया जाता है, एंथ्रासाइट,बिटूमिनश, लिग्नाइट और पीट इन चार रूपों में कोयला पाया जाता है। इनमें सबसे अच्छा कोयला एंथ्रासाइट होता है इसमें कार्बन की मात्रा लगभग 87 प्रतिशत होती है इसके बाद बिटूमिनश दूसरे नंबर पर आता है, इसमें कार्बन की मात्रा 70 से 80 प्रतिशत होती है। तिसरे नंबर पर लिग्नाइट कोयला आता है, इसमें कार्बन की मात्रा 60 से 70 प्रतिशत होती है। और चौथे नंबर पर पीट कोयला आता है ये सबसे खराब कोयला माना जाता है, इसमें कार्बन की मात्रा 50 से 60 प्रतिशत होती है। इसलिए इस कोयला का उपयोग कर किया जाता है
भारत में सबसे अधिक लिग्नाइट कोयले का उपयोग किया जाता है क्योंकि ये भारत में कोयलें की खानों से सबसे ज्यादा मात्रा में निकलता है।
एक किलो कोयलें को जलाने पर 5000 किलों कैलोरी ऊष्मा निकलती है।
इस प्रकार कोयला थर्मल पॉवर प्लांट से बिजली बनाने में एक महत्वपूर्ण भूमिका अदा करता है

एयर प्री हिटर

ईंधन को जलाने के लिए हवा की आवश्यकता पड़ती है तो इस एयर प्री हिटर के माध्यम से हवा को गर्म करके बर्नर में छोड़ा जाता है जिससे ईंधन में आसानी से आग लग जाती है। 

इक्नोमाॅइजर (Economiser) 

पानी को बाॅयलर में डालने से पहले गर्म किया जाता है जिससे बाॅयलर में गर्म पानी पहुंच सकें। तो बाॅयलर में जाने से पहले पानी को जिस चीज में गर्म किया जाता है उसे इक्नोमाॅइजर कहते है। इसमें पानी गर्म करने के लिए गैस ईंधन का प्रयोग किया जाता है।

बाॅयलर(Boiler)

बाॅयलर स्टील या सिमेंट का बना हुआ एक बहुत बड़ा टैंक होता है जिसके अन्दर पानी की भाप बनाई जाती है। बाॅयलर के अन्दर पानी को भाप में बदलने के लिए 300 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान ऊत्पन्न किया जाता है। बाॅयलय के अन्दर 300 डिग्री सेल्सियस का तापमान कोयलें को जलाकर ऊत्पन्न करते है thermal power plant in hindi में दो प्रकार के बाॅयलय उपयोग किये जाते है
• फायर ट्यूब बाॅयलर
• वाटर ट्यूब बाॅयलर

सुपर हिटर (super heater)

सुपर हिटर का काम यह होता है -- बाॅयलर में बनने वाली भाप में कुछ नमी होती है अगर इस नमी वाली भाप को टरबाइन में डाला जाएगा तो टरबाइन के अन्दर के उपकरण जंग लगकर जल्दी खराब हो जाएंगे तो जंग से बचाने के लिए इस नमी वाली भाप को पहले सुपर हिटर के द्वारा और अधिक गर्म किया जाता है जिससे भाप की नमी खत्म हो जाती है और इसके साथ साथ सुपर हिटर भाप की गति भी बढा देता है। सुपर हिटर के अन्दर का तापमान 500 डिग्री सेल्सियस तक होता है।

कन्डेंशर (condansor)

कन्डेंशर एक ऐसा उपकरण होता है जो भाप को दुबारा से पानी बनाने में मदद करता है। कन्डेंशर इस पूरी प्रक्रिया को कुछ ऐसे अंजाम देता है, सुपर हिटर से भाप टरबाइन में जाती है जिससे टरबाइन के ब्लेड घूमने लगते है फिर यह भाप टरबाइन से निकलकर सीधा कन्डेंशर में जाती है और कन्डेंशर इस भाप को फिर से पानी बना देता है। ये पानी फिर से बाॅयलर में डाला जाता है बाॅयलर इस पानी को फिर से भाप बना देता है और ये प्रक्रिया ऐसे ही चलती रहती है।

वाटर फीड पम्प (water feed pump)

बाॅयलर में पानी भाप में बदलने लगता है तो बाॅयलर के अन्दर पानी की कमी होने लगती है। पानी की कमी को पूरा करने के लिए एक पम्प लगाया जाता है। इस पम्प को वाटर फीड पम्प कहते है। यह पम्प, कन्डेंशर के द्वारा जिस भाप को दुबारा पानी में बदला जाता है उस पानी को बाॅयलर में लें जाने का काम करता है।

इलैक्ट्रो स्टेटिक प्रिपिसीटेटर

यह बाहर निकलने वाली गैसों से डैस्ट और गन्दगी को अपने अन्दर शौंख लेता है। ताकि जो गैस वातावरण में जाएं उसके द्वारा किसी को कोई नुक्सान न पहुंचे।

इंड्यूज डाफ्ट फैन

यह एक पंखा होता है जो बाॅयलर में बनने वाली गैसों को तेजी से खींचकर चिमनी के द्वारा बाहर निकाल देता है। ताकि बाॅयलर को किसी प्रकार की कोई दिक्कत न आए। यदि बाॅयलर के अन्दर इस फैन का प्रयोग न किया जाए तो बाॅयलर के अन्दर गैस ज्यादा इकट्ठा हो जाती है और बाॅयलर के फटने का खतरा बन जाता है

 टरबाइन

thermal power plant in hindi के अन्दर एक स्टीम टरबाइन का उपयोग किया जाता है। जो भाप की गतिज ऊर्जा को रोटेशनल यांत्रिक ऊर्जा में बदलता है। टरबाइन के अन्दर एक रोटर होता है जिस पर अर्ध कटोरी आकार के ब्लेड लगें होते है। ब्लेडों को अर्ध कटोरी आकार का इसलिए बनाया जाता है जैसे ही ब्लेडों पर भाप आकर टकराये तो ब्लेड घूमना चालू कर दें। टरबाइन के रोटर की साफ्ट से अल्टरनेटर जुडा होता है जैसे ही टरबाइन का रोटर घूमता है अल्टरनेटर भी घूमने लगता है और थर्मल पॉवर प्लांट में बिजली बनाना चालू हो जाती है।


टरबाइन कई प्रकार के होते है इनकी संरचना को हैंड और डिसचार्ज को ध्यान में रखकर बनाया जाता है

• पेल्टन टरबाइन का हैंड हाई और डिसचार्ज लो होता है।
• फ्रांसिस टरबाइन का हैंड मिडियम और डिसचार्ज भी मिडियम होता है।
• कप्लान टरबाइन का हैंड लो और डिसचार्ज हाई होता है।

अल्टरनेटर या एसी जेनरेटर

अल्टरनेटर साफ्ट के द्वारा टरबाइन से जुड़ा होता है। यह एक थ्री फेज सिंक्रोनस जेनरेटर होता है। जब टरबाइन घूमने लगता है तो अल्टरनेटर भी घूमने लगता है। जिससे अल्टरनेटर में एक प्रेरित विधुत वाहक बल उत्पन्न हो जाता है। ये विधुत वाहक बल ही बिजली होती है। इस बिजली को ट्रांसफॉर्मर और ट्रांसमिशन लाइन के द्वारा हमारे घरों तक पहुंचाया जाता है।

थर्मल पॉवर प्लांट के लाभ

thermal power plant in hindi को लगाने में इसकी शुरुआती किमत दूसरे पाॅवर प्लांटो की तुलना में काफी कम होती है।
• थर्मल पॉवर प्लांट को लगाने में दूसरे पाॅवर प्लांटो की तुलना में कम जमीन की जरूरत होती है।
• थर्मल पॉवर प्लांट में ईंधन के रूप में कोयला प्रयोग किया जाता है। कोयला दूसरे ईंधन की तुलना में सस्ता होता है इसलिए इसकी बिजली उत्पादन किमत कम होती है।
• थर्मल पॉवर प्लांट में अगर कोई खराबी आ जाये तो उसे आसानी से ठीक किया जा सकता है।

थर्मल पॉवर प्लांट की हानि

• इस पाॅवर प्लांट में ईंधन के रूप में कोयला प्रयोग किया जाता है जिसकी वजह से वातावरण में प्रदूषण ज्यादा फैलता है।
• थर्मल पॉवर प्लांट में कोयले का उपयोग होने से इसकी दक्षता काफी कम हो जाता है।



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