रिलक्टाॅन्स मोटर ( Reluctance motor)
रिलक्टाॅन्स मोटर को प्रतिष्टम्भ मोटर भी कहते है, यह स्काइरल केज रोटर टाइप इंडक्शन मोटर का ही एक विकसित रूप है। जिसमें प्रतिष्टम्भ के सिध्दांत पर यांत्रिक टाॅर्क उत्पन्न होता है, इसलिए इसे प्रतिष्टम्भ मोटर का नाम दिया गया है। तो दोस्तों आज की पोस्ट reluctance motor in hindi यानी रिलक्टाॅन्स मोटर क्या है इससे रिलेटेड जानकारी को प्राप्त करेंगे।
निर्भार से पूर्ण भार की अवस्था में रिलक्टाॅन्स मोटर सिंक्रोनस गति पर चलती है, तब यह सिंक्रोनस रिलक्टाॅन्स मोटर कहलाती है। जब भार को बढ़ाया जाता है यानी अति भार की स्थिति में इसकी गति कुछ घट जाती है, उस समय यह मोटर इंडक्शन मोटर की तरह अंडर सिंक्रोनस गति पर ही चलती है इसलिए यह इंडक्शन रिलक्टैन्स मोटर कहलाती है।
जब किसी रिलैक्टेंस मोटर में स्टेटर पर बनने वाले इलैक्ट्रिकल पोलो की अपेक्षा, रोटर पर स्थापित सैलियंट पोलो की संख्या अधिक होती है, तो यह मोटर एक स्थिर औसत गति पर चलती है। यह गति, आभासी तुल्यकाली गति की सब गुणक होती है, इसलिए इस मोटर को सब सिंक्रोनस मोटर भी कह सकते है।
रिलक्टाॅन्स मोटर का कार्य सिद्धान्त ( working principle of reluctance motor in hindi )
रिलक्टाॅन्स मोटर एक स्काइरल केज रोटर टाइप इंडक्शन मोटर की तरह से स्टाॅर्ट होती है। जैसे जैसे इसकी गति तुल्यकाली गति के नजदीक पहुंचती जाती है; वैसे वैसे रोटर पर स्थापित सोफ्ट आयरन पोल की स्लिप कम होती चली जाती है। इस प्रचालन में एक स्थिति ऐसी भी आती है, रोटेटिंग मेग्नेटिक फील्ड और रोटर स्पीड में पारस्परिक अंतर इतना कम रह जाता है कि स्टेटर के पोल्स द्वारा रोटर के पोल्स चुम्बकित हों जातें है, तब रोटर स्टेटर के मैगनेटिक फील्ड के अनुदिश घुमने लगता है, इस अवस्था में रोटर सिंक्रोनस स्पीड पर घूमता है।
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रिलैक्टैंस मोटर का स्टेटर
रिलैक्टैंस मोटर के स्टेटर की बनावट स्काइरल केज इंडक्शन मोटर के स्टेटर के समान ही निम्न तीन प्रकार की होती है।
(1) विभक्त कला प्ररूपि स्थाता, जिसके साथ एक सेंट्रीफ्यूगल स्विच लगा होता है।
(2) स्थायी संधारित्र प्ररूपि स्टेटर, इसमें सेंट्रीफ्यूगल स्विच का उपयोग नहीं किया जाता है।
(3) त्रिकला प्ररूपि स्टेटर, जिसका प्रयोग समाकलन अश्व शक्ति निर्धारणों वाली रिलक्टैंस मोटर में होता है।
रिलक्टैंस मोटर का रोटर या घूर्णक
सिंगल फेज फ्रेक्सनल हाॅर्स पावर वाली रिलक्टैंस मोटर में एक विशेष प्रकार के मैगनेटिक स्काइरल केज टाइप रोटर का उपयोग किया जाता है। इस विशेष प्रकार के रोटर को लौकिक स्काइरल केज रोटर में विशेष प्रकार के खाॅचें काटकर बनाया जाता है। इन खाॅचों को नर्म लौहे के वायु प्रक्षेपित ध्रुवों की तरह काम में लाया जाता है। इसकी संख्या स्टेटर पर बनने वाले इलैक्ट्रिक पोल की संख्या के बराबर होती है। इस प्रकार यह सारी व्यवस्था मोटर को सेल्फ स्टाॅर्ट उसी तरह बनाती है, जिस प्रकार पोल शू पर स्थापित डेम्पर वाइंडिंग, सिंक्रोनस मोटर को सेल्फ स्टाॅर्ट बनाती हैं।
रिलक्टैंस मोटर की विशेषताएं ( specialities of reluctance motor in hindi )
• क्षमता- आंशिक अश्व शक्ति
• बाह्मा खिंचाव बलाघूर्ण - 2 से 2.5
• अन्त खिंचाव बलाघूर्ण - 0.9 से 1.2
• आरम्भिक अवस्था - सेल्फ स्टाॅर्ट
• गति नियंत्रण - परम स्थिर गति के कारण सम्भव नहीं है
• विपरित गति - इंडक्शन मोटर की तरह ही प्राप्त होती है
• शक्ति गुणांक - 0.6 से 0.8 न्यूनतम
• ताम्र हानियां - स्थिर तुल्यकाली गति के भार पर, रोटर में ताम्र हानियां शून्य होती है
• निर्गत - न्यून
• दक्षता - न्यून ( 70 से 80 ) प्रतिशत तक
• अनुरक्षण किमत - कम
• प्रतिस्टम्भ अनुपात - 3 से 6
रिलक्टैंस मोटर के अनुप्रयोग ( Application of reluctance motor in hindi )
रिलक्टैंस मोटर का उपयोग निम्न कार्यों में अधिक किया जाता है।
• न्यूक्लीयर रियेक्टर में नियंत्रण छड की स्थिति स्थापन के लिए
• टेक्सटाइल मशीनों को तुल्यकाली गति पर चलाने के लिए
• रेक्टिफायर, इनवर्टर यूनिटों की नियंत्रित स्विचन क्रिया द्वारा परिवर्तनीय आवृत्ति प्रदाय प्राप्त करने के लिए
• इस मोटर का उपयोग चालन की तरह स्थाति स्थापना, गति नियंत्रण और इन दोनों के संयोग के लिए होता है।
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