औधौगिक क्षेत्र में प्रयोग होने वाली विधुत मोटरें (Electric motors used in industries)
(1) खराद मशींन (Lathe machine)
खराद मशींन को स्थिर गति वाली पिंजरा प्रेरण मोटर द्वारा चलायि जाता है। इन कार्यों के लिए 50 hp तक की मोटर बनाई जाती है। कभी कभी बहु गति वाली ए सी धारा की स्लिपरिंग प्रेरण मोटरें या ध्रुव परिवर्तित मोटरें तथा दिष्ट धारा शंट मोटरें या ध्रुव परिवर्तित चलाने के लिए प्रयोग की जाती है।
(2) प्लेनर (planer)
प्लेनर में एक तल होता है जो कि प्लेटन से जुड़ा होता है, जो तल पर आगें पीछे चलता है। कार्य को प्लेटन से बांध दिया जाता है और कार्य शिकंजे में फंसे स्थिर टूल द्वारा समतल कियि जाता है। इसमें समंजनशील गति वाली प्रतिवर्ती मोटरें प्रयोग की जाती है।
(3) पंच और शियरस (punch and shears)
पंच और शियरस मशीनों में गतिपाल पहिया लगा होता है, जो कटिंग के समय ऊर्जा प्रदान करता है। इन मशीनों में ए सी मोटर उपयोग में लायी जाती है, जो ढलवां गत बलाघूर्ण अभिलक्षण रखती हों, ताकि मोटर की गति कम हो जायें जब उस पर उच्च भार पड़े।
(4) मशींन टूल्स (machine tools)
मशीन टूल के अन्तर्गत विधुत से चलने वाली मशीनें, बरमा मशींन और स्पेनर आदि आतें हैं। इनको चलाने के लिए उच्च गति वाली मोटरें गियर सहित प्रयोग में लायी जाती है। छोटी बरमा मशीनों और स्पेनर के साथ श्रेणी प्ररूपि सार्वत्रिक मोटर प्रयोग की जाती है, जो कि प्रत्यावर्ती धारा और दिष्ट धारा दोनों पर कार्य करती है। बड़े टूल्स के लिए दिष्ट धारा सप्लाई पर कम्पाउन्ड मोटरें और ए सी धारा के लिए पिंजरा प्रेरण मोटर उपयोग की जाती है।
(5) लिफ्ट (lift)
लिफ्ट में प्रयोग की जाने वाली मोटर सरलता से प्रारम्भ और रुकनी चाहिए, इसके लिए मोटर का आर्मेचर हल्का और साधारण गति पर चलना चाहिए। लिफ्ट के लिए दिष्ट धारा कम्पाउन्ड मोटर, ए सी धारा स्लिप रिंग मोटर, प्रेरण प्रतिकर्षण मोटर और परिवर्ती गति वाली ए सी धारा की दिकपरिवर्तक मोटर अधिक उपयुक्त रहती है।
(6) खनन उद्योग में (minning industries)
खनन उद्योग में काम आने वाली मोटर पूरी तरह बंद घेरे वाली और ज्वालासह होनी चाहिए। इसमें 10 hp तक के लिए पिंजरा प्रारूपि प्रेरण मोटरें या डी सी मोटर प्रयोग में लायी जाती है। दिष्ट धारा मोटरों में गति नियंत्रण के लिए शंट क्षेत्र नियंत्रण विधि प्रयोग की जाती है और स्लिप रिगं मोटर के गीत नियंत्रण के लिए सोपानी विधि इस्तेमाल की जाती है।
(7) कपड़ा मिलों में (textile mills)
कपड़ा मिलों में समूह चालन और अर्द्ध समूह चालन प्रयोग किया जाता है, जिसमें मोटर साफ्ट पर पुलिया लगी होती है जो अनेकों मशीनों को चलाती है। कपड़ा मिलों में उपयोग की जाने वाली मोटरें पूर्ण रूप से बन्द घेरें वाली होनी चाहिए, ताकि कपड़ों की फुन्जी आदि से मोटर सुरक्षित रहें। इसके साथ मोटर का विधुत रोधन नमी सह होना चाहिए ताकि सीलन से सुरक्षा हो सकें, क्योंकि कपड़ा मिलों में सीलन वातावरण होता है। कपड़ा मिलों में ए सी सप्लाई की थ्री फेज मोटरें प्रयोग की जाती है, क्योंकि इनकी गति सप्लाई आवृत्ति द्वारा नियंत्रित और स्थिर रहती है। कपड़ा मिलों में दिष्ट धारा मोटर प्रयोग करना उचित नहीं है क्योंकि इनकी गति सप्लाई वोल्टेज और गर्मी ज्यादा ऊत्पन्न होने पर परिवर्तित हो जाती है। इनमें प्रयुक्त होने वाली मशीनों की दक्षता और प्रारम्भन बहुत उच्च होना चाहिए।
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