सड़क पर लगें ब्रेकरों द्वारा बिजली कैसे बनायी जाती है।
हैलो दोस्तो आज मैं आपको बिजली बनाने के नये स्त्रौत के बारे में बताने जा रहा हूं। तों इस खास स्त्रौत का नाम है सड़क पर लगें ब्रेकरों द्वारा बिजली कैसे बनयी जाती है। जी हां दोस्तों इस इलैक्ट्रिसिटी उत्पादन के नये स्त्रौत का आज बहुत देशों के अन्दर प्रयोग किया जा रहा है तो आज हम इसी तरिके के बारे में जानेंगे कि सड़क पर लगें ब्रेकरों द्वारा बिजली कैसे बनती जाती है।
यह एक बहुत ही आसान और किफायती तरिका है जिससे बिजली का उत्पादन किया जा सकता है। इस तरिके मैं सड़कों पर जहां ब्रेकर लगें होते है उनके स्थान पर घूमने वाले लौहे के पहिए लगा दिये जाते हैं और इन पहियों से जेनरेटर की साफ्ट को जोड़ दिया जाता है। जैसे ही इनके ऊपर से कार या बस गुजरती है तो ये घूमने लगते है इनके घूमने से जेनरेटर की साफ्ट भी घूमने लगती है इस प्रकार इस स्त्रौत के द्वारा विधुत बनने लगती है।
इस स्त्रौत का उपयोग ज्यादातर जहां पुल बने होते है वहां किया जाता है क्योंकि पुलों पर इस स्त्रौत के उपकरणों को लगाना आसान होता है। पुल पर इसे बिना किसी खुदाई के प्लेस किया जा सकता है और इसे ऐसी सड़कों पर लगाना अधिक फायदेमंद होता है जिन रास्तों पर वाहनों का आना जाना लगातार बना रहता है। क्योंकि जितने ज्यादा वाहन इन ब्रेकरों के ऊपर से गुजरते है बिजली का उत्पादन उतना ही अधिक होगा।
सड़कों पर ब्रेकरों द्वारा बिजली बनाने में एक बात का खास ख्याल रखा जाना चाहिए। इस स्त्रौत को हमेशा ऐसी सड़कों पर लगाना चाहिए जहां पर गाड़ीयां एक ही दिशा में चलती हों तभी इसके द्वारा बिजली का उत्पादन अच्छा होता है वरना दोनों और से चलने वाली सड़कों पर इससे बिजली बनाने में काफी कठिनाई आती है।
ब्रेकरों द्वारा बनी बिजली का उपयोग
इस स्त्रौत से विधुत का उत्पादन करना बहुत आसान होता है यह तो आपने जान लिया। लेकिन इस स्त्रौत से बिजली की पैदावार बहुत कम मात्रा में होती है इसलिए इसका उपयोग ज्यादा बड़े सैक्टरो में नहीं किया जा सकता है। इस विधुत की मात्रा कम होने के कारण इसका उपयोग, जहां इस स्त्रौत को लगाया जाता है वही पर रात के समय लाइटों को जलाने में किया जाता है।
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