कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर (capacitor start induction motor)
कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर एक ऐसी मोटर होती है जिसमें प्रतिरोध के स्थान पर स्टेटर की स्टार्टिंग वाइंडिंग के श्रेणी में अपकेन्द्री स्विच के साथ स्टार्टिंग कैपेसिटर जुड़ा रहता है, इसलिए इसे कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर कहते हैं। इस मोटर के स्टेटर के सहायक परिपथ में जुड़े आरम्भिक संधारित्र के कारण ही इसमें फेज विभाजन स्थापित होता है, जो मेन सर्किट की मेन वाइंडिंग करंट और सहायक सर्किट की स्टार्टिंग वाइंडिंग करंट में फेज डिफरेंस ऊत्पन्न कर देता है, जिससे मोटर में रोटेटिंग मेग्नेटिक फील्ड ऊत्पन्न हो जाता है, जो मोटर के रोटर पर आरम्भिक टाॅर्क लागू करता है और रोटर घूमने लगता है। तुरन्त बाद ही रोटर की गति के कारण, उत्पादित अपकेन्द्री बल से अपकेन्द्री स्विच प्रचालित होकर, स्टेटर के सहायक परिपथ को अलग कर देता है और मुख्य परिपथ ज्यों का त्यों कायम रहने के कारण मोटर लगातार चलती रहती है।
यदि कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर में सेंट्रिफ्यूगल स्विच का उपयोग न किया जाए, तो सहायक परिपथ मोटर की घूमने की अवस्था में भी कनैक्ट रहेगा। ऐसी अवस्था में वह स्थायी संधारित्र प्ररूपि इंडक्शन मोटर कहलायेगी, जिसका प्रयोग आजकल छत के पंखों में होता है।
कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर के सामान्य गुणधर्म
• साइज या क्षमता - 1/8 hp से 1 hp तक
• स्टाॅर्टिंग टाॅर्क - उच्च होता है
• आरम्भिक धारा - पूर्ण भार धारा की दो गुनी
• आरम्भिक अवस्था - सेल्फ स्टाॅर्ट
• गति या चाल - स्थिर यानी एक समान गति
• गति नियंत्रण - एक मात्र वोल्टेज नियंत्रण द्वारा
• शक्ति गुणांक - उच्च 0.7 से 0.9 तक, हमेशा पश्चगामी
• अनुरक्षण किमत - बहुत कम
कैपेसिटर स्टार्ट इंडक्शन मोटर का आरंभिक बलाघूर्ण प्रतिरोध स्टार्ट इंडक्शन मोटर की अपेक्षा लगभग 2.5 गुणा और फुल लोड टाॅर्क का 3.5 से 4.5 गुना होता है।
अनुप्रयोग -
औधौगिक क्षेत्र में इस मोटर का उपयोग सिंगल फेज ए सी वोल्टेज पर स्थिर गति, उच्च स्टार्टिंग टाॅर्क के छोटे कार्यों में होता है, जैसे गैसोलीन पम्प, स्माॅल एयर कम्प्रेसर्स, एयर कंडीशनर, फ्रिजर, वैक्यूम क्लीनर, कपड़े धोने की मशीन, पोर्टेबल हाॅयस्ट, स्टोकर्स, छत के पंखों में
कैपेसिटर स्टार्ट एंड रन इंडक्शन मोटर (capacitor start and run induction motor)
कैपेसिटर स्टार्ट एंड रन इंडक्शन मोटर दो प्रकार की होती है, एक होती है डबल वैल्यू कैपेसिटर प्ररूपि प्रेरण मोटर और दूसरी होती है सिंगल वैल्यू कैपेसिटर प्ररूपि प्रेरण मोटर
(1) डबल वैल्यू कैपेसिटर प्ररूपि
यह स्थायी फेज विभक्त संधारित्र मोटर और संधारित्र स्टार्ट मोटर का संयोग है। इसमें एक कैपेसिटर Cr स्टेटर के सहायक परिपथ में हमेशा स्थायी रूप से मोटर की रनिंग कंडिशन में भी जुड़ा रहता है, इसलिए इसे रनिंग कैपेसिटर कहते हैं। दूसरा संधारित्र Cs मोटर की धावी अवस्था में अपकेन्द्री स्विच द्वारा स्थाता के सहायक परिपथ से अलग कर दिया जाता है, इसलिए इसे स्टार्टिग कैपेसिटर कहते हैं। यह मोटर उच्च शक्ति गुणांक, उच्च आरम्भिक बलाघूर्ण, उच्च रनिंग टाॅर्क, उच्च अतिभार क्षमता, हाई दक्षता, शांत प्रचालन आदि सभी गुणों से सम्पन्न होती है।
सिंगल वैल्यू कैपेसिटर प्ररूपि
यह मोटर डबल वैल्यू कैपेसिटर प्ररूपि इंडक्शन का ही एक संशोधित या विकसित रूप है। इसे परमानेंट स्पिलिट फेज कैपेसिटर मोटर या परमानेंट केपेसिटर मोटर भी कहते हैं। इसका ओवर ओल परफॉर्मेंस बहुत ही बढ़िया होता है इसलिए आजकल दुनिया भर में इस मोटर का उपयोग व्यापक रूप से हो रहा है।
कैपेसिटर स्टार्ट एंड रन मोटर के सामान्य गुणधर्म
• साइज या क्षमता - 1/8 hp से 1/4 hp या 1 hp
• आरम्भिक बलाघूर्ण - उच्च होता है
• आरम्भिक धारा - पूर्णभार धारा की दो गुनी
• ओपरेटिंग टाॅर्क - उच्च और शान्त प्रचालन
• स्पीड - कोंस्टेंट और ध्वनि रहित
• स्पीड कंट्रोल - ओनली वोल्टेज कंट्रोल द्वारा
• विपरित गति - स्टेटर की मुख्य या सहायक वाइंडिंग के सिरों की पोलेरिटी को आपस में चेंज करने से विपरित गति प्राप्त होती है।
• दक्षता - उच्च होती है
• अतिभार क्षमता - उच्च
• शक्ति गुणांक - अति उच्च 0.9 से 1 तक हमेशा पश्चगामी
• मेंटिनेंस कोस्ट - बहुत ही कम
इस मोटर के अनुप्रयोग
औधौगिक क्षेत्र में इस मोटर का प्रयोग, एकल कला प्रदायी वोल्टता पर परिवर्तन शील भार के अन्तर्गत स्थिर गति की आवश्यकता और उच्च आरम्भिक बलाघूर्ण के कार्यों में किया जाता है। इसके अलावा इस मोटर का उपयोग ऐसे कार्यों में भी किया जाता है, जहां पर वातावरण को शांत बनायें रखना आवश्यक होता है। जैसे लाइब्रेरी, दफ्तर, अस्पताल और प्रयोगशाला के पंखों में, कूलर, रिकॉर्डर प्लेयर, टेली प्रिन्टर्स, ग्राफिक इन्स्टूमेंटस, क्लोक और समय सम्बंधी यन्त्र आदि में भी किया जाता है।
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