चोक coil क्या है
प्रत्यावर्ती धारा परिपथों में विधुत ऊर्जा खर्च हुए बिना, विधुत धारा को कम करने के लिए जिस साधन का उपयोग किया जाता है उसे चोक coil कहते हैं। दिष्ट धारा परिपथ में धारा को नियंत्रित करने के लिए प्रतिरोध का प्रयोग किया जाता है, जहां पर I2R ऊर्जा प्रति सेकेण्ड खर्च होती है। डी सी परिपथों में प्रतिरोध का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि डी सी के लिए हमारे पास और कोई साधन नहीं है। चोक coil क्या है आगे इसके बारे में और अच्छे से समझेंगे।
चोक coil की संरचना
चोक कुंडली का कार्य सिद्धांत
इस चोक coil का ओमीय प्रतिरोध लगभग शून्य रहता है और इसका प्रेरकत्व काफी उच्च रहता है। तारों के अन्दर जो नर्म लौहे की क्रोड होती है इसे आगे पीछे करने के लिए इसमें एक व्यवस्था की जाती है। हम यहां पढ़ रहे है कि चोक coil क्या है कुण्डली के भीतर लौहे की क्रोड को जितनी अधिक दूरी तक प्रविष्ट करा दी जाती है, कुण्डली का प्रेरकत्व और प्रतिबाधा उतनी ही अधिक हो जाती है। कुण्डली का प्रतिरोध नगन्य होने के कारण इसमें विधुत ऊर्जा का गर्मी के रूप में क्षय बहुत ही कम होता है।
चोक का क्या कार्य है
मैंने देखा है कि बहुत से लोग इंटरनेट पर जानना चाहते है कि चोक का क्या कार्य होता है तो चलिए जान लेते है इसका क्या काम होता है, चोक का काम प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में बहने वाली धारा को नियंत्रित करना है अर्थात् उसको आवश्यकता के अनुसार जब कम धारा की जरूरत हो तो कम कर देता है और जब अधिक धारा की आवश्यकता होती है तो धारा को बढ़ा देता है। उम्मीद है कि आप सब समझ गये होगें कि असल में इसका काम होता क्या है।
चोक coil का उपयोग
घरों में प्रयोग की जाने वाली ट्यूब लाइटों, फ्लोरसेंट ट्यूबों और रेडियो में चोक का उपयोग किया जाता है। ट्यूब लाईट में इसको धारा का मान करने के लिए लगाया जाता है, इसे केवल प्रत्यावर्ती धारा परिपथ में ही प्रयोग किया जा सकता है, डी सी परिपथों में नहीं, क्योंकि दिष्ट धारा की आवृत्ति शून्य होती है, जिसके कारण चोक का प्रेरण प्रतिघात और इसका प्रतिरोध लगभग शून्य ही रहता है। इसलिए डी सी परिपथ में इसका उपयोग करने का कोई फायदा नहीं होता है।
चोक coil क्या है के कुछ महत्वपूर्ण बातें- व्यवहारिक रूप में चोक कुण्डली का ओमीय प्रतिरोध कभी भी शून्य नहीं होता है। क्योंकि प्रतिरोध शून्य केवल आदर्श कुण्डली का हो सकता है, लेकिन आदर्श कुण्डली बनाना सम्भव नहीं है आदर्श चीज सिर्फ एक खयाली पुलाव होती है। कुण्डली के इस सूक्ष्म प्रतिरोध के कारण विधुत ऊर्जा का कुछ हिस्सा ऊष्मा के रूप में व्यय हो जाता है और इसके अतिरिक्त कुछ ऊर्जा क्रोड की शैथिल्य हानि एवं भंवर धारा हानि के कारक भी नष्ट होती है। भंवर धारा हानि के कारण होने वाली हानियों को चोक की क्रोड को पटलित करके कम किया जाता है।
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